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भाई दूज पर निबंध

 

                       भाई दूज पर निबंध

भाई दूज (Bhai Dooj), बहनों के सबसे बहुप्रतीक्षित त्योहारों में से एक होता है। वे बहुत ही उत्सुकता से दो मौकों का इन्तजार करती हैं, एक रक्षा बंधन और दूसरा भाई दूज का। ये वो मौका है जब बहनें अपने भाई की सलामती की दुआ मांगती है। यहाँ पर आपके लिए बेहद ही सरल भाषा में इस हिन्दू पर्व के बारे में निबंध उपलब्ध कराये गए हैं।

परिचय

भाई दूज(Bhai Dooj), वो त्यौहार है जिसे मैं वाकई में बहुत पसंद करती हूं, असल में इस दिन मुझे अपने भाइयों से उपहार मिलता है। यह प्यार, सुरक्षा और भाई-बहन के बंधन को मजबूत करने का त्योहार के रूप में मनाया जाता है। यह हर वर्ष दीपावली के ठीक 2 दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन को ‘यम द्वितीया’ के नाम से भी जाना जाता है।

भाई दूज मनाने के पीछे की कहानी

भाई दूज के उत्सव के लिए कई कहानियाँ प्रसिद्ध हैं;

यम और यमुना सूर्य के दो बच्चे थे और एक बार यमुना ने अपने भाई को अपने साथ भोजन करने के लिए घर पर आमंत्रित किया था। लेकिन यम ने अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण पहले तो इनकार कर दिया, लेकिन कुछ देर के बाद उसने महसूस किया कि उसे जाना चाहिए क्योंकि उसकी बहन ने उसे बहुत प्यार से आमंत्रित किया है।

अंत में, वह उसके पास गया और यमुना ने उसका स्वागत किया और उसके माथे पर तिलक भी लगाया। यम वास्तव में उसके आतिथ्य से बेहद खुश हुआ और उसे एक इच्छा माँगने के लिए कहा। तब यमुना ने कहा कि जो इस दिन अपनी बहन से मिलने जाएगा, उसे मृत्यु का भय नहीं रहेगा। उनके भाई ने खुशी से ‘तथास्तु’ कहा और यही कारण है कि हम भाई दूज का त्यौहार मनाते हैं।

हमारे देश में भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई को प्रेमपूर्वक तिलक कराती है। उन्हें प्यार से भोजन करवाया जाता है। इस दिन सभी बहनें भगवान से अपने भाइयों की लम्बी आयु की कामना करती है। यह मान्यता प्रचलित है की यमुना जी ने अपने भाई यमराज से ये वचन लिया था , की भाई दूज मनाने से यमराज के डर से मुक्ति मिलती है और भाई-बहन में प्रेम के साथ ही सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। बदले में भाई भी अपनी बहनों को बहुत सारा उपहार देते है। भाई दूज का त्यौहार भी रक्षाबंधन के तरह भाई बहन के रिश्ते को और मज़बूत बनता है।भाई दूज को भारत के अलग-अलग जगहों पर अलग नाम से जाना जाता है। संस्कृत में इसे भागिनी हस्ता भोजना कहते हैं तो वही कर्नाटक में इसे सौदरा बिदिगे के नाम से जानते हैं। बंगाल में भाई दूज को भाई फोटा, नेपाल में भाई टीका और महाराष्ट्र में भाव बीज के रूप में मनाते हैं। इस दिन सभी विवाहित बहनें अपने भाइयों को घर आने का न्योता देती हैं। रक्षाबंधन के तरह ही भाई दूज के दिन भाई अपने बहन का आदर सत्कार करता है और बहन भी अपने भाई की लम्बी उम्र की प्रार्थना करती है।भाई दूज भारत के साथ साथ नेपाल में भी मनाया जाता है। दीपावली त्योहार के बाद यह भाई दूज पर्व मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार यह पर्व कार्तिक के महीने में मनाया जाता है। इस दिन को रक्षाबंधन के तरह ही मनाया जाता है। इस विशेष अवसर पर भाई अपनी बहनों को कई उपहार देते हैं और बदले में बहनें अपने भाईयों की लाभ आयु की कामना करती है। यह पर्व भाई और बहन के अटूट प्यार का प्रतिक माना जाता है।



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